Hind kahani for kids जंगल की अदालत के चक्कर

 Kahani:- तालाब के किनारे बिलस नाम का एक बुड्ढा खरगोश रहा करता था । उसके पास दो छोटे-छोटे खेत थे, उनमें वह गाजर, मूली, शकरकन्द, टमाटर आदि लगाया करता था ।

Hind kahani for kids जंगल की अदालत के चक्कर

एकबार बिलसू को पीलिया की बीमारी हो गयी। उसने बहुत-सी दवायें ली. पर किसी से कोई लाभ न हुआ। रोग तन-मन ने पिता की आज्ञा मानकर कुछ दिन तो साथ-साथ काम किया । कहीं खेत खराब न हो जाये, इस डर से वे पहले से भी दुगनी मेहनत और ध्यान से काम किया करते थे । फल यह हुआ कि उनके खेतों में पहले से दुगुनी उपज भी हुई।
Hind kahani for kids जंगल की अदालत के चक्कर


उनके हरे-भरे खेत देखकर पड़ोसियों को बड़ी ईर्ष्या हुई। उन्होंने दोनों भाइयों में झगड़ा कराने की सोची।
एक पड़ौसी तनु से बोला-'तुम छोटे हो न इसलिये तुमसे बहुत काम कराया जाता है । अरे इससे अच्छा तो अलग खेत लेकर रहो । क्यों मनु की डाँटफटकार सुनते हो ? क्यों उसके दबे में रहते हो ? स्वतंत्र रहने में जो सुख है वह किसी के बन्धन में कहाँ ?
दूसरे ने मनु से कहा-'देखो तनु । कहने को तो तुम्हारा छोटा भाई है, पर वह हर जगह तुम्हारी बुराई करता रहता है । जहाँ भी जाता है तुम्हारे विरुद्ध विष घोलता है । क्यों न इसे छोटा वाला खेत देकर अलग कर दो ।'
Hind kahani for kids जंगल की अदालत के चक्कर

क्या आपने यह कहानी पढ़ी


चूहे की विदेश यात्रा

इसी प्रकार विविध प्रकार से बार-बार पड़ौसी मनु और तनु को भड़काने लगे । न तो तनु ने, ना ही मनु ने यह सोचा कि वे पड़ौसियों की बातों में न आयें, मिल-जुलकर रहें । वे तो मन ही मन एक-दूसरे को अपना पक्का दुश्मन समझने लगे । दोनों एक-दूसरे के ऊपर झल्लाते । जब भी आपस में बोलते लड़ाई करने को उतारू हो जाते । उनकी यह स्थिति देखकर पड़ौसी मन ही मन खुश होते थे । भाई-भाई भी जब एक-दूसरे पर विश्वास नहीं करते, सन्तोषजनक व्यवहार नहीं करते तो वे आपस में शत्रु भी बन जाया ही करते हैं ।
एक दिन तन-मनु ने आपस में खेतों का बँटवारा कर ही लिया । छोटा खेत तनु को मिला, बड़ा मनु ने अपने पास रखा । कछ समय तो तनु ने इस बात पर जरा भी ध्यान न दिया । पर बाद में पड़ौसियों ने उसे फिर भड़काया-'ओह । कर गया न तुम्हारा भाई चालाकी । खुद बड़ा खेत हड़प कर बैठ गया है ।
पड़ौसियों के भड़काने पर तन एक दिन वनराज सिंह की सभा में चला गया । वहाँ जाकर मन के विरुद्ध दावा ठोक दिया ।
अब मन भी गुस्से में भर उठा। बोला-'यदि यह | मुझसे ही आकर कह देता तो मैं खुद ही इसे बड़ा खेत दे देता, पर अब तो मैं भी मुकदमा ही लडूंगा । देलूँगा कैसे ले जाता है यह एक इंच भी जमीन ।
बार-बार मुकदमे की तारीख पड़ती । तनु-मनु दोनों ही सारा काम छोड़कर न्यायालय के चक्कर लगाते । फल यह होता कि वे अपने खेतों की भी पूरी देखभाल न कर पाते । मेहनत और देखभाल के अभाव में उनकी खेती भी सूखने लगी।
Hind kahani for kids जंगल की अदालत के चक्कर

उस जगह के नामी वकील थे तूफान और तेजवीर मेंढ़क । एक को तनु ने अपना वकील बनाया तो दूसरे को मनु ने । उनके पास जो कुछ धन था वकीलों की भेंट चढ़ गया । जब धन खर्च हो गया तो फीस चुकाने के लिये दोनों भाइयों को अपने-अपने खेत भी थोड़े-थोड़े करके बेचने पड़े।
उनके मुकदमे में पूरे चार वर्ष लग गये। इस बीच दोनों के ही खेत बिक चुके थे । फैसले के अनुसार मन के पास दो गज जमीन ज्यादा थी । वह दोनों को आधी-आधी बाँट लेनी थी, पर अब तो वह भी न थी।

 क्या आपने यह कहानी पढ़ी


स्वभाव में परिवर्तन


तन-मन को अब खाने के भी लाले पड गये । वे दोनों दूसरे के खेतों में सारा दिन घोर परिश्रम करते तब जाकर कहीं शाम को रुखा-सूखा खाना मिल पाता, दोनों ही दुर्बल हो गये । अब वे दुःखी मन से सोचते हैं कि मुकदमे के चक्कर में पड़कर हमने अपना ही सर्वनाश कर लिया है ।। यदि आपस में सुलह कर लेते तो यह दिन न देखना पड़ता ।। हाय ! हमने दुर्बुद्धिवश पिता की बात न मानी । अब तो जीवन भर पछताना ही पड़ेगा । जो बड़ों के अनुभवों से कुछ | भी सीखने की कोशिश नहीं करता, वह मुर्ख ही होता है, उस ठोकर खानी ही पड़ती है ।


उपसंहार:- आप को यह कहानी अच्छी लगी हो तो अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें।

                       । धन्यवाद
Newest
Previous
Next Post »